हूमम्म्म हूमम्म्म
हिंद देश… म्म्म हुहू… हम सभी…. एक हैं तारा रा रा र्ाआ
भाषा अनेक हैं
हूमम्म्म हूमम्म्म भाषा अनेक हैं हूमम्म्म हूममम्म्म
एह अनेक क्या हैं दीदी ?
अनेक यानी बहुत सारे….
बहुत सारे, क्या बहुत सारे?
आचा, बताती हूँ…
सूरज एक…
चंदा एक…..
तारे अनेक….
तारों को अनेक भी केहते हैं ?????
नही नही !!
देखो फिर से
सूरज एक, चंदा एक, एक एक एक करके तारे बने अनेक….
ठीक से समझाओ ना दीदी
देखो देखो एक गिलहरी
पीछे पीछे अनेक गिलहारियाँ
एक तितली, ….. एक और तितली……
एक एक एक करके हो गयी अब, अनेक तितलियाँ…
समझ गया दीदी
एक उंगली, अनेक उंगलियाँ
हान,
दीदी दीदी वोह देखो अनेक चिड़ियान
अनेक चिड़ियों की कहानी सुणोगे ….
हाँ हाँ
आ आ आआ,
एक चिड़िया, एक एक करके अनेक चिड़िया….
दाना चुगने आई चिड़ियान …..
चोरुस : दीदी हूमें भी सुनाओना…….
तो सुनो फ़िरसे…
एक चिड़िया, अनेक चिड़ियान
दाना चुगने बैठ गयी थी …..
है राम, पैर वहाँ ब्याध ने एक जाल भिज्या था…
ब्याध, ब्याध कौन दीदी ?
ब्याध … चिड़िया पकड़ने वाला
“फिर क्या हुआ दीदी, ब्याधने उन्हे पकड़ लिया, मार “
ऊँहू…
हिम्मत से गर जुटे रहे तो
छोटे हो पैर मिले रहे तो
बड़ा काम भी हॉवे भैया..
बड़ा काम भी हॉवे भैया …
एक..दो..तीन
चतुर्र्र सिडियाँ, सयानी चिड़ियाँ
मिलजुल कर, जाल ले कर, भागी चिड़ियान
फ़ुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र
दूर, एक गाओं के पास, चिड़ियों के दोस्त, चूहे रहते थे….
और उन्होने, चिड़ियोंका जाल, काट दिया………
तो देखा की तुमने, अनेक, सिर्फ़ एक होजते हैं तो कैसा मज़ा आता हैं
दीदी मैं बताऊं…
हो गाये एक …
बन गयी ताक़त
बन गयी हिम्मत…
दीदी अगर हम एक हो जाएँ तो बड़ा काम कर सकते हैं
हाँ हाँ, क्यों नही …
तो इस पेड़ के आम भी तोड़ सकते हैं ???
हाँ, तोड़ सकते हैं पैर जुगत लगनी होगी …
आचा, एह जुगत, वह… बड़ा मज़ा आएगा..
हिंद देश के निवासी सभी जाना एक हैं -2
रंग-रूप वेश-भाषा चाहे अनेक हैं -2
एक-अनेक… एक-अनेक…
सूरज एक, चंदा एक, तारे अनेक,
एक तितली, अनेक गिलहरीतिटारी
एक गिलहरी , अनेक गिलहरियाँ
एक चिड़ियान एक एक… अनेक चिड़ियाँ
बेला गुलाब जूही चंपा चमेली….. -2
फूल हैं अनेक किंतु माला फिर एक है …-2
हिंद देश… म्म्म हुहू… हम सभी…. एक हैं तारा रा रा र्ाआ
भाषा अनेक हैं
हूमम्म्म हूमम्म्म भाषा अनेक हैं हूमम्म्म हूममम्म्म
एह अनेक क्या हैं दीदी ?
अनेक यानी बहुत सारे….
बहुत सारे, क्या बहुत सारे?
आचा, बताती हूँ…
सूरज एक…
चंदा एक…..
तारे अनेक….
तारों को अनेक भी केहते हैं ?????
नही नही !!
देखो फिर से
सूरज एक, चंदा एक, एक एक एक करके तारे बने अनेक….
ठीक से समझाओ ना दीदी
देखो देखो एक गिलहरी
पीछे पीछे अनेक गिलहारियाँ
एक तितली, ….. एक और तितली……
एक एक एक करके हो गयी अब, अनेक तितलियाँ…
समझ गया दीदी
एक उंगली, अनेक उंगलियाँ
हान,
दीदी दीदी वोह देखो अनेक चिड़ियान
अनेक चिड़ियों की कहानी सुणोगे ….
हाँ हाँ
आ आ आआ,
एक चिड़िया, एक एक करके अनेक चिड़िया….
दाना चुगने आई चिड़ियान …..
चोरुस : दीदी हूमें भी सुनाओना…….
तो सुनो फ़िरसे…
एक चिड़िया, अनेक चिड़ियान
दाना चुगने बैठ गयी थी …..
है राम, पैर वहाँ ब्याध ने एक जाल भिज्या था…
ब्याध, ब्याध कौन दीदी ?
ब्याध … चिड़िया पकड़ने वाला
“फिर क्या हुआ दीदी, ब्याधने उन्हे पकड़ लिया, मार “
ऊँहू…
हिम्मत से गर जुटे रहे तो
छोटे हो पैर मिले रहे तो
बड़ा काम भी हॉवे भैया..
बड़ा काम भी हॉवे भैया …
एक..दो..तीन
चतुर्र्र सिडियाँ, सयानी चिड़ियाँ
मिलजुल कर, जाल ले कर, भागी चिड़ियान
फ़ुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र
दूर, एक गाओं के पास, चिड़ियों के दोस्त, चूहे रहते थे….
और उन्होने, चिड़ियोंका जाल, काट दिया………
तो देखा की तुमने, अनेक, सिर्फ़ एक होजते हैं तो कैसा मज़ा आता हैं
दीदी मैं बताऊं…
हो गाये एक …
बन गयी ताक़त
बन गयी हिम्मत…
दीदी अगर हम एक हो जाएँ तो बड़ा काम कर सकते हैं
हाँ हाँ, क्यों नही …
तो इस पेड़ के आम भी तोड़ सकते हैं ???
हाँ, तोड़ सकते हैं पैर जुगत लगनी होगी …
आचा, एह जुगत, वह… बड़ा मज़ा आएगा..
हिंद देश के निवासी सभी जाना एक हैं -2
रंग-रूप वेश-भाषा चाहे अनेक हैं -2
एक-अनेक… एक-अनेक…
सूरज एक, चंदा एक, तारे अनेक,
एक तितली, अनेक गिलहरीतिटारी
एक गिलहरी , अनेक गिलहरियाँ
एक चिड़ियान एक एक… अनेक चिड़ियाँ
बेला गुलाब जूही चंपा चमेली….. -2
फूल हैं अनेक किंतु माला फिर एक है …-2
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